यूपीपीसीएल प्रबंधन निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए फर्जी आंकड़ों का इस्तेमाल कर रहा है: बिजली कर्मचारी

निजीकरण : यूपीपीसीएल प्रबंधन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने राज्य बिजली अधिकारियों पर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए गलत आंकड़ों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

उनका तर्क है कि पिछले 14 वर्षों में आगरा में टोरेंट पावर जैसे राज्य में निजीकरण के प्रयोग असफल साबित हुए हैं।

आंकड़ों का हवाला देते हुए समिति ने वित्तीय दावों में विसंगतियों का खुलासा किया। 2023-24 के लिए, इसने कहा कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के लिए बिजली खरीद लागत और राजस्व वसूली का अंतर 2.66 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि यूपी पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष ने 3.99 रुपये का दावा किया है।

इसी तरह, निगम ने लाइन लॉस 34% बताया, जबकि ऑडिट किए गए खातों में यह 20.23% बताया गया।

समिति ने 2023-24 में आगरा में टोरेंट पावर को 4.36 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली आपूर्ति करने के कारण 274 करोड़ रुपये के नुकसान पर भी प्रकाश डाला, जबकि खरीद लागत 5.50 रुपये प्रति यूनिट थी। उन्होंने सवाल उठाया कि आगरा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को दक्षिणांचल द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में कम टैरिफ क्यों दिए गए, जहां प्रति यूनिट 4.47 रुपये मिलते हैं।

यूपीपीसीएल ने दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम को निजी फर्मों के साथ साझेदारी में सौंपने की अपनी योजना का खुलासा किया है।

कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन को पुनर्निर्धारित किया :

निजीकरण : निजीकरण के विरोध में पारेषण भवन

संघर्ष समिति ने 6 दिसंबर से 7 दिसंबर तक बिजली सेवाओं के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को स्थगित करने का फैसला किया है, ताकि पूर्व तिथि की संवेदनशीलता को देखते हुए और यह सुनिश्चित किया जा सके कि कानून और व्यवस्था अप्रभावित रहे।

समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा, “बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा मूल रूप से देश भर में 6 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी, जो अब 7 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में होगा। ये ‘ध्यानकर्षण सभाएं’ कार्यालय समय के बाद सभी जिलों और परियोजना मुख्यालयों में आयोजित की जाएंगी।”

निजीकरण के विरोध में पारेषण भवन एवं जानकीपुरम/गोमती नगर क्षेत्र में सैकड़ो कार्मिकों की उपस्थिति में हुई जन जागरण सभा।
सभा में उपस्थित अभियंता एवं कर्मचारियों ने किया ऐलान किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे बिजली का निजीकरण।
इंकलाब जिंदाबाद

निजीकरण के विरोध में पारेषण भवन

आहों से पत्थर पिघलेगा इस धोखे में मत रहना,

बिना लड़े इन्साफ मिलेगा, इस धोखे में मत रहना।

भारत के ज़र्रे ज़र्रे में, अपना अपना हिस्सा है,

बुला बुला कर कोई देगा, इस धोखे में मत रहना।

भाग्य और भगवान तो प्यारे, केवल एक छलावा है,

ईश्वर ही कल्याण करेगा, इस धोखे में मत रहना।

कहा किसी ने तेरे हाथों में, धन दौलत की रेखा है,

छप्पर फाड़कर धन बरसेगा, इस धोखे में मत रहना।

शिक्षित और संगठित होकर,खुद पर तुम विश्वास करो।

और कोई संघर्ष करेगा, इस धोखे में मत रहना।

संविधान की रक्षा करना, सब की जिम्मेदारी है,

कोई और बेड़ा पार करेगा, इस धोखे में मत रहना।

बिना लड़े इन्साफ मिलेगा, इस धोखे में मत रहना

निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए यूपीपीसीएल प्रबंधन द्वारा फर्जी आंकड़ों का इस्तेमाल

Leave a comment